Nojoto: Largest Storytelling Platform

गर्मियों की शाम सिन्दूरी और झील का किनारा ठंडी ठ

गर्मियों की शाम सिन्दूरी 
और झील का किनारा 
ठंडी ठंडी मद्धम सी
बहती बयार सुहानी
पानी में डालकर पैरों को 
बैठे रहें हम दोनों 
तुम्हारे कंधे पर सर रखकर 
प्रकृति के अप्रतिम सौन्दर्य 
को निहारती रही मैं
न तुमने कुछ कहा ,न मैंने कुछ कहा 
ख़ामोशियों में होती रही बातें सारी 
मानो और कोई न था पास 
बस तुम और मैं संग रहें
न जाने कितने दिनों बाद
कुछ इस तरह सुकुं के दो पल 
बिताए थे हमने  ...

 #Pic From fb 
#एक शाम
#झीलकाकिनारा
#प्रकृति
 #कितनेदिनहुए
#yqdidi 
#yqlife
गर्मियों की शाम सिन्दूरी 
और झील का किनारा 
ठंडी ठंडी मद्धम सी
बहती बयार सुहानी
पानी में डालकर पैरों को 
बैठे रहें हम दोनों 
तुम्हारे कंधे पर सर रखकर 
प्रकृति के अप्रतिम सौन्दर्य 
को निहारती रही मैं
न तुमने कुछ कहा ,न मैंने कुछ कहा 
ख़ामोशियों में होती रही बातें सारी 
मानो और कोई न था पास 
बस तुम और मैं संग रहें
न जाने कितने दिनों बाद
कुछ इस तरह सुकुं के दो पल 
बिताए थे हमने  ...

 #Pic From fb 
#एक शाम
#झीलकाकिनारा
#प्रकृति
 #कितनेदिनहुए
#yqdidi 
#yqlife