गर्मियों की शाम सिन्दूरी और झील का किनारा ठंडी ठंडी मद्धम सी बहती बयार सुहानी पानी में डालकर पैरों को बैठे रहें हम दोनों तुम्हारे कंधे पर सर रखकर प्रकृति के अप्रतिम सौन्दर्य को निहारती रही मैं न तुमने कुछ कहा ,न मैंने कुछ कहा ख़ामोशियों में होती रही बातें सारी मानो और कोई न था पास बस तुम और मैं संग रहें न जाने कितने दिनों बाद कुछ इस तरह सुकुं के दो पल बिताए थे हमने ... #Pic From fb #एक शाम #झीलकाकिनारा #प्रकृति #कितनेदिनहुए #yqdidi #yqlife