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!! जन्मदिन मुबारक !! ©Purohit Nishant कलम को समर्

!! जन्मदिन मुबारक !!

©Purohit Nishant कलम को समर्पित फनकारों की याद में...

पद्मभूषण सुमित्रानंदन पंत जी 
हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक
इस युग को जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' और रामकुमार वर्मा जैसे कवियों का युग कहा जाता है। उनका जन्म कौसानी बागेश्वर में हुआ था। झरना, बर्फ, पुष्प, लता, भ्रमर-गुंजन, उषा-किरण, शीतल पवन, तारों की चुनरी ओढ़े गगन से उतरती संध्या ये सब तो सहज रूप से काव्य का उपादान बने। निसर्ग के उपादानों का प्रतीक वबिम्ब के रूप में प्रयोग उनके काव्य की विशेषता
!! जन्मदिन मुबारक !!

©Purohit Nishant कलम को समर्पित फनकारों की याद में...

पद्मभूषण सुमित्रानंदन पंत जी 
हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक
इस युग को जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' और रामकुमार वर्मा जैसे कवियों का युग कहा जाता है। उनका जन्म कौसानी बागेश्वर में हुआ था। झरना, बर्फ, पुष्प, लता, भ्रमर-गुंजन, उषा-किरण, शीतल पवन, तारों की चुनरी ओढ़े गगन से उतरती संध्या ये सब तो सहज रूप से काव्य का उपादान बने। निसर्ग के उपादानों का प्रतीक वबिम्ब के रूप में प्रयोग उनके काव्य की विशेषता