उसने झेला वो दर्द, टूटी गर्दन, कटी जीभ, टूटी रीढ़, पर तुम्हारा कलेजा ना कांपा, उसे इतना तड़पते देख।। इंसान ही थे ना तुम, या थे कोई शक्ल में उसकी, नरपिशाच। हो कैसे इतने नराधम, कर बैठे कैसे इतना घोर पाप। थी नहीं क्या तुम्हारी कोई बहन, या आई नहीं तुम्हे अपनी माँ याद। थी तो वो भी एक औरत, कैसे उतारा उसे तुमने मौत के घाट।। अब हक में क्या होगा उस बाप के, पाला जिसने उसे अपना पेट काट के। तुमने मारा उसके ह्रदय को, छलनी किया उसके रोम रोम को, जिंदा होकर भी वो आज लाश है, देखा दर्द से बिलखते जब अपनी ही औलाद को।। ©दुर्गमेघजैसलमेर777 #Shame_On_India #Hang_The_Rapists #Justice_for_manisha💐💐💐 #Stoprape