मेहंदी तेरे नाम की और भी महक जाती है, जब जिव्हा पर तेरा नाम चला आता है, कर सोलह श्रृंगार औऱ भी निखर जाती हूँ,जब इन चक्षुओं का तेरा दीदार हो जाता हैं, तेरे आने से पिया आती है मुखड़े रौनक ए बहार,करो रुक्सत अब बहुत हुआ इंतजार, एक एक रैना छिनते हैं मेरे चैना,समझो दिल ए हालात,हमारा जन्मों जन्मों का है प्यार, मान साक्षी नभ पाताल के पंचमूल तत्वों को,एक नेक व पवित्र रिश्ता हमे मिलकर बनाना है, रचा तेरे नाम की हिना पहन सुर्ख़ लाल जोड़ा,बन जीवनसंगिनी तेरे अँगना को महकाना हैं। 🌝प्रतियोगिता-43 🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌷" मेहंदी तेरे नाम की"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I