लिखा कुछ कभी फिर मिटाया मिटाया, कुरेदा कुरेदा गिराया उठाया, मुहब्बत भी थी दोस्ती भी हुई थी मगर हमने सबको रुलाया रुलाया, तुम्हें देख दिल फिर पसीजा पसीजा, मगर ग़म कहीं फिर छुपाया छुपाया, तिरी ज़िन्दगी का बुरा ख़्वाब था मैं, तुझे नींद से फिर जगाया जगाया, हमेशा ही रौशन किये रास्ते सब, मैं शोला था मुझको जलाया बुझाया, मिले ग़म हज़ारों मगर दिल में हमने, समन्दर बनाया डुबाया डुबाया।— % & मिटाया मिटाया.... #yqhindi #yqdidi #yqhindishayari #yqshayari #sanubanu