ना जाने क्या खता हो गयी हमसे, की कोई आज सुनना नहीं चाहता ! हैं सांसे जब तक सीने में लिख रहे हैं जज़्बातों को.... हो गये रुक्सत ज़ब इस जहा से, तो पढ़कर हमें जिन्दा करना !.... #खतायें_हुई_जो_अंजाने_में.... #माफ़_करना..... इन पक्तियों से कहने का भाव इतना हैं की आज हम हैं तो कोई क़द्र नहीं करता और ना ही कोई सुनना चाहता हैं मगर जब हम रुक्सत होंगे तब इन पन्नों को पढ़कर हर शख्स रो कर याद करेगा... इंसान की क़द्र जीतेजी करनी चाहिए मार कर वो वापस नहीं आता मगर वो देखता हैं की इंसान कितना झूठा हैं ये समझ आता हैं !.... आप सब पढ़कर ही likes comments कीजियेगा जी....... 🙏🙏✍️✍️✍️✍️✍️😔😔😔🌹🌹🌹🌹🌹🌺🌺🌺🌺🌺🌺💐💐💐💐💐💐💐😭😭👏👏👏👏🤲🤲🤲🤝🤝