लिखे हुए इक प्रेम पत्र को,जाने कितना वक्त हुआ, कहा गए वो दिल के भाव, जिन का न तनिक जिक्र हुआ।। कोमल हाथों की वो नर्मी ,अभी भी स्निग्ध मुलायम है, छूना बदन और छूना न रूह को ,कैसा जहन,सुपुर्द हुआ।। घुंघराली अल्कें, रूखसार पर ढ़लकें,रूप यौवन से युक्त हुआ, तुम क्यू न फिर हुए वो शामिल, दिल का समागम जब ऊर्स हुआ।। माथ पर बिंदियाँ, हाथ मे चूड़ी, रूप श्रृंगार, से तृप्त हुआ, क्यू रह गया बस खालीपन , प्रेम कब से उन्मुक्त हुआ।। गोरे पांव मे बिछुएं पायल, दिल की धड़कन से युक्त हुआ, लिखा क्यू न प्रेम पत्र जब,दिल का सब उपयुक्त हुआ।। तकिए चादर, उलझे करवट से,ऑखों से न इश्क हुआ, भाव वासना तक ही रह गए, प्रेम कहा,प्रयुक्त हुआ।। उठो लिखो इक प्रेम की पाती,सिहर प्रेम से उक्त हुआ, सजी है देह रूह तक जाने को,और कहते नीतेश न इश्क हुआ।। ©IG @kavi_neetesh #feellove लव कोट्स लव शायरियां शायरी लव रोमांटिक शायरी लव स्टोरी लव शायरी हिंदी में