मैं शून्य मगर सम्पूर्ण हूँ मैं अल्पबुद्धि मदचूर्ण हूँ हारा हूँ, भले विजेता हूँ! मैं कलियुग का नचिकेता हूँ क्षुब्ध आत्मा,तीक्ष्ण बुद्धि