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उम्र बढ़ता जा रहा है, कोई पूछता भी नहीं कि कहां ज

उम्र बढ़ता जा रहा है,
 कोई पूछता भी नहीं कि कहां जा रहा है।

कभी खुशियों को,
 तो कभी गम को साथ लिए जा रहा है।

बचपन को जवानी,
 जवानी को बुढ़ापा किए जा रहा है।

अजीब दास्तां है इसकी,
 कोई खुशी में, तो कोई गम में, जिए जा रहा है।

बस फर्क इतना है ,
 कोई आंसू तो कोई जाम पिए जा रहा है।।

©Kumar Satyajit
  जिए जा रहा है।

जिए जा रहा है। #शायरी

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