किताबों में कहीं गुम हो गई हैं ज़िन्दगी, रात के सन्नाटे में कहीं छुप गई हैं ज़िन्दगी। ज़िन्दगी जीते हैं वो अब इच्छा मार कर अपनी, चलती नहीं हैं अब ज़िन्दगी पर उनकी अपनी, फिर भी करते हैं चंद लोगों की वकालत दिनभर इतनी। क्यूं बैठा हैं तू यूं छोड़ के किताब अपनी, कर बुलंद ऐलान - ए - जंग बचाने सरजमीं तू अपनी, तेरे कलम की आवाज़ सरहिंद का घोष बन जाए इतनी। #एलान #kalam #ghosh #sarjameen #avr #yqbaba #yqdidi #yqhindi