धडकने दिल की छुकर, अभी अहसास कराना बाकी है कुछ लम्हो में जीकर, अभी ख्वाब सजाना बाकी है शामो को ढल जाने पर, रातो को गुजारना बाकी है सब कुछ जानते हुए भी क्यु मुलाकात अभी बाकी है..!!! तेरी मेरी मुलाकात का, अभी जिक्र कराना बाकी है इस शुरूआती कहानी का, अभी अंत कराना बाकी है अपने हर लम्हे का अहसास, अभी तुझे कराना बाकी है सब कुछ जानते हुए भी क्यु मुलाकात अभी बाकी है...!!! अपनी एक अलग पहचान, खुद कराना बाकी है याद करके उसकी बाते लिखना उन्हे अभी बाकी है तेरी ही कुछ बातो से होना मशहुर मुझे अभी बाकी है सब कुछ जानते हुए भी क्यु मुलाकात अभी बाकी है...!!! By :-Akshita jangid (poetess) मुलाकात अभी बाकी है ....(part 2)