बचपन के सपने वो बचपन का जमाना था। जिसमें खुशियों का खजाना था। चाँद को पाने की चाहत थी,लेकिन दिल तितली का दीवाना था।। वो रंग बिरंगी पतंगे उड़ाना।। पतंगों के पीछे मिलो भाग जाना। पतंगों सा उड़ने की चाहत थी,लेकिन जब उड़ने लगे,हुआ बचपन बेगाना। #बचपन के सपने