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स्त्री जब लेखनी पकड़ती है , सिर्फ अपने अहसास ही नह

स्त्री जब लेखनी पकड़ती है ,
सिर्फ अपने अहसास ही नही लिखती ,
 बल्कि वो दर्द बयां करती है, 
जो शर्म ,समाज , संस्कारों तले दबा हुआ हैं...

©पूनम रावत
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#नारीशक्ति 
#नारीवाद 
#मानवता