सासु माँ सही गलत के फर्क को...बताने वाली होनी चाहिए, जीवन के हर नए पाठ...पढ़ाने वाली होनी चाहिए, अपने अनुभवों से पूरे घर को...संवारने वाली होनी चाहिए, मेरे हर नये प्रयास को...सराहने वाली होनी चाहिए, औरों से पहले मेरा पक्ष...लेने वाली होनी चाहिए। खुश होने पर ढेरों दुआएँ ...बरसाने वाली होनी चाहिए, मीठी नोंक-झोंक वाली....तकरार होनी चाहिए, घर के हर एक सदस्य पर...हुक्म चलाने वाली होनी चाहिए बच्चों के संग शरारती और खुद भी...बच्ची बन जाने वाली होनी चाहिए, अपनी हँसी से घर की ताली.... गुलज़ार करने वाली होनी चाहिए, सासरे में माँ जैसी ही.... कोई खास होनी चाहिए, देवरानी-जेठानी भले ही ना हो.....पर सास होनी चाहिए ।। 👤 प्रीति आर्या ©Priyeet #priyeetwrites #saasu_maa #poembypriyeet #Poetry #poemoftheday #hindi_poetry #hindiwriters