समेट लो खुद को फिर एक मरतबा और निखर जाओ, मत बतलाओ वो काले दिन,भीगी रातें,जलाती शामें सब गुज़रें ज़माने है। निकलो बाहर उस उदास कमरें से फिर एक मरतबा शगुफ्ता सी मुस्कुराओ।। हाँ हाँ हाँ वो जानता था तुम पागल थी उसके लिए बहुत बड़ा बेवकूफ कहू या समझदार उसे, ईमान वाली मोहब्बत थी तुम्हारे दिल में जिसके लिए। एहसास, एतबार, इंतज़ार अब तुम्हे छोड़ना चाहिए।। उस उदास कमरें से बाहर निकल तुम्हे फिर एक मरतबा शागुफ्ता सी महकना चाहिए। #unmatched_vishal चला गया जो तुम्हे बीच राह में छोड़कर,उम्मीदें क्यूँ आज भी उससे रखती हो शायद वो तुम्हारा कभी था ही नही फिर क्यूँ उसकी यादों में रात भर जगती हो बहुत टूट चुकी हो शायद तुम,अब तुम्हे खुद को समेटना चाहिए फिर एक मरतबा उस उदास कमरें से बाहर निकल तुम्हे शागुफ्ता सा उड़ना चाहिए।।.✍️ I just tried to write for my friend..✍️ now I am dedicating this to all #broken_heart's #girls💔