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जब साथ थे तो मंजिले अलग थी अब मंज़िल एक है मगर साथ

जब साथ थे तो मंजिले अलग थी
अब मंज़िल एक है मगर साथ नहीं
ज़िन्दगी की इसी कशमकश में रिश्ते खो जाते हैं कँही !

©Bandhana Singh
  #Zindagi #rishte #Manzilein