तू रूठा है मुझे मनाना नहीं आता मुद्दतों बाद गुज़रा ज़माना नहीं आता मेरी ग़ज़ल के हर हर्फ़ पर हक़ है तेरा पर कमबख्त तुझे जताना नहीं आता यूँ मैं भी कर लूं इश्क़ की मीठी बातें पर हंसाने के बाद रुलाना नहीं आता अपना जानकर समझाता हूँ तुझे गैर बन हाँ में हाँ मिलाना नहीं आता झुक जाऊं जो ग़ुरूर के सामने यहाँ यूँ चिंगारी को हवा दिखाना नहीं आता जानकर चूक जाता हूँ कि दिल न दुखे तू कहता है निशाना लगाना नहीं आता एक बार दिल ने जो दी पनाह किसी को दिल में"अंश"फिर कोई बेगाना नहीं आता💗 Title - मेरा इश्क़ वाक़ई इश्क़ आसान नहीं.. एक ग़ज़ल इश्क़ पर आपके नज़र करता हूँ जो दिल पर दस्तक दे तो बस याद कर लीजियेगा😆😊 तू रूठा है मुझे मनाना नहीं आता मुद्दतों बाद गुज़रा ज़माना नहीं आता मेरी ग़ज़ल के हर हर्फ़ पर हक़ है तेरा पर कमबख्त तुझे जताना नहीं आता