मेरी सूखी डार हरी कर दे इस बंजर को उर्वर कर दे दो बूंद की आस है बरसों की मेरी प्यास कभी तो तर कर दे.... प्रीति #बेमानी सी सब बातें हैं प्रीत प्रेम बेमतलब के दग्ध हृदय के अंगारे बादल के स्वप्न संजोते हैं। #बंजर#सूखा #विरक्त #yqhindi #yqhindiquotes