सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब की यात्रा पर गए प्रधानमंत्री की सुरक्षा में सेंध मामले की जांच शीर्ष अदालत के सर्व निवृत्ति न्यायाधीश को अध्यक्ष वाली समिति से कराए जाने की फैसला तो ले लिया है लेकिन केवल इतना ही व्याप्त नहीं है भविष्य की यह भी है कि इस मामले की जांच एक तय समय में हो ताकि दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके इसके मामले में सुप्रीम कोर्ट को संविदा इसलिए दखल देना पड़ा क्योंकि पंजाब सरकार ने अपने स्तर पर जैसे जांच समिति गठन की की थी वैसे ही केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट की ओर से गठित जांच समिति में आतंकवादी निरोधक एजेंसी एनआईए की अधिकारी को भी शामिल किए जाने से यह संकेत मिलता है कि मसला कहीं अधिक गंभीरता से यह असामान्य नहीं है कि प्रधानमंत्री का काफिला किसी फॉलो ओवर में 15 से 20 मिनट तक आ रहे और उसे कुछ देर तक रहता है प्रदर्शन चल मैं भी कदम करते रहते स्थानीय पुलिस मार्गदर्शक ओ भूमिका में नजर आए इस दौरान राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस प्रमुख मौके पर भी नहीं यह विचित्र है कि पाकिस्तान से लगती सीमा के निकट प्रधानमंत्री का काफिला फसा रहा लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को इसमें कुछ भी असामान्य नहीं लगा उन्हें की तरह का रवैया पंजाब सरकार के बड़े वाले अध्यक्ष नवजोत सिद्धू भी देख रहे हैं इससे भी खराब और खतरनाक बात यह है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा से चूक को लेकर उठे सवालों के जवाब में यह दुष्प्रचार किया जा रहा है पंजाब और पंजाबी युद्ध को बदनाम करने का काम किया जा रहा है राजनीति शरारत के अलावा और कुछ नहीं इससे दुर्भाग्य और कुछ नहीं है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा में भी गंभीर चूक होती राजनीति का विषय बन जाए इस तरह की राजनीति देश विरोधी तत्वों के साथ अन्य ताकतों को ही सिर उठाने का मौका देगी जब पंजाब सुरक्षा के लिए खतरा है तो सुप्रीम कोर्ट की ओर से संगठित सुमित को केवल उसकी जांच नहीं करनी चाहिए कि प्रदर्शनकारियों को यह सूचना कैसे मिलेगी प्रधानमंत्री का काफिला उसी रास्ते पर गुजरने वाला है ©Ek villain # सुरक्षा में बाधा की जांच #Glow