वक्त के पाबन्दी से मिलते कहीं वक्त नहीं, आज़ाद जो हैं इससे उनके पास पंख नहीं । रह-२ कोसते हैं वो बस खुद के भाग्य को ही, समझाये कौन उनको कि कोई भाग्य ही नहीं । रोते-बिलखते बस कोसते हैं ज़िन्दगी को ही, सबेरा आये कैसे पास उनके जहाँ ज़िन्दगी ही नहीं । श़ब की हर कहानी सुनाई जाती है सब को यहीं, पर मिले सहारा जब सहर का तो भूल जाते हैं कहीं । एक विडम्बना सी बना ली है लोगों ने ज़िन्दगी, विलाप के आवेगों से अब चलने लगी है ज़िन्दगी । वो भाव जो हर कहानी बयाँ कर जाती थी सबकी, तलाशते ज़िन्दगी में तराशना ही भूल गये हैं उसे कहीं । LUCK is NOTHING #Poetry #Nojoto #NojotoHindi