सुब्ह-ए-मौज़्ज़िन की आवाज़ में दर्द था कितना शाह, फिर ख़ाली मस्जिद देख कर दिल तो लहू से भर गया॥ ©Muawiyah Zaffar Ghazali Mustafai #namaz #muawiya_zafar_ghazali_mustafai