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जैसी संगत आप की ,वैसा जपना होय। सज्जन को खुशियां

जैसी संगत आप की ,वैसा जपना होय।

सज्जन को खुशियां दिखें,दुर्जन बैठा रोय।।

दुर्जन बैठा रोय,सर पकड़ के चिल्लाता।

किया नहीं सत्संग, कुसंगत पर झल्लाता ।।

कह  बादल कविराज,रहे बिडंबना वैसी।

मन  कर्म  और  बुद्धि,मिले संगत जैसी।। #human #natur #workingnatur
#psychology #friendship 
#nojotokundliyan #nojotothought #nojotosociety #crime #justic
जैसी संगत आप की ,वैसा जपना होय।

सज्जन को खुशियां दिखें,दुर्जन बैठा रोय।।

दुर्जन बैठा रोय,सर पकड़ के चिल्लाता।

किया नहीं सत्संग, कुसंगत पर झल्लाता ।।

कह  बादल कविराज,रहे बिडंबना वैसी।

मन  कर्म  और  बुद्धि,मिले संगत जैसी।। #human #natur #workingnatur
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