ऐ पुरुष प्रधान समाज, तुने क्या रीत बनाई ! खुद अपनी हाल कांप रही हैं, पुत्री का पिता बनकर ! गर जो तू , सिर्फ़ स्त्री चाहता, जीवन संगनी ! तेरी ये हालत न होती , पुत्री का पिता बनकर ! ~ आनंद ( सौरभ कुमार ) #पितृसत्ता