#FourLinePoetry आज रास्ते पर निकला तो चारों तरफ धुंध ही धुंध थी, मैं चाहता था सब कुछ देखना, घंटो बीत जाने के बाद भी धुंध ना हटी थी, इस धुंध में चलते एक ठोकर ने मुझे गिरा दिया गिरकर मेरा चश्मा क्या हटा इन नंगी आंखों ने मुझे सब कुछ दिखा दिया। ©Kapil Singh नंगी आंखों ने #fourlinepoetry