" तारीख़ " अनुशीर्षक पढ़ें #NojotoQuote “ तारीख़ ” अत्याचार बहन बेटियों पर अब तक है होता जुबान से न कह पाता हूँ ! आख़िर कब बदलेगा देश मेरा, ये सोच सोच रह जाता हूँ ! चीख़ें उनकी कानों में सुनाई देती हैं और मैं कुछ किये बिना ही रह जाता हूँ ! दिल रोता है,आंखें रोती हैं, और फिर मैं एक आंसू बनकर बह जाता हूं ! ख़बर जो पहले आया करती थी बस ख़बर वही अब आती है !!