ना तुम्हे बताना आता है , ना मुझे जताना आता है , उलझे है फिर भी हम दोनो शब्दो के जाल में, मेरा तेरा अहसास है एक जैसा , फिर भी हम बिखरे है पतझड़ की , बहार सा।। khushi mere ehsaas a shabd..