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ये जिंदगी, कहीं उलझ गई है ये जिंदगी. सांसे जेसे थ

ये जिंदगी,
 कहीं उलझ गई है ये जिंदगी.
सांसे जेसे थम गई है,
ये जिंदगी जैसे जाम हो गई है,
रोशनी से डर लगता है,
खुदसे ही अब प्यार कम लगता है.
वजह बहुत है मरने की,
लेकिन मौत से डर लगता है.
रिश्तों से हारा हुआ शक है तू,
दुनिया के गम्हो का मारा लगता है.
निराश है कहीं खुदसे,
अपनों का मारा लगता है.
खुद पे यकीन कर,
ख़ुद पे रख भरोसा,
सब सही होगा तू कर तो हौसला आज.
बिगड़ी है तो कल होगी आसान,
जिंदगी तो है कितने दिन करेगी परेशान.
एक दिन आएगा सूरज तेरे भी घर,
तब तक मेहनत कर नहीं होगा दरबदर.

©BeneathTheVerses
  BANTE BANTE BIGAR GAI HAI YEH ZINDAGI

BANTE BANTE BIGAR GAI HAI YEH ZINDAGI #Poetry

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