Bhuka पेट, pyasa सफर 😒 पेट मे भूख लेकर चल दिये हैं मंज़िल की तलाश मे, कहाँ है मंज़िल कुछ खबर नहीं है। अँधेरे रास्तो पर भी रोशनी की आस है,, नंगे पैरों को छालो की कांप है। चल दिये हैं अपनी उजड़ी हुई बस्ती को छोड़, नयी बस्ती को बसाने। कैसे दिन ये आया इंसान घर को छोड़ सड़को पर सोता पाया,, इस जिन्दगी ने हर एक इंसान को रुलाया। कल तक जो लोग झोपडी मे भी शान से रहते थे, आज उन्हीं को उस झोपडी से दूर जाते पाया है। ना मंज़िल कि तलाश है, ना कोई ठिकाना है, पेट मे भूख और थकान का फसाना है। चल दिये लोग फिर एक नयी मंज़िल की तलाश मे, मंज़िल मिलेगी ये किसी को आस नहीं..!!❤️ Insta i'd - emotiongirl845. ©swati sagar #bataktizindgi #beshara #nojitoshayari #Drops