क्यों तुमने मुझे मै ना रहने दिया तुम कर डाला साथ थे अंधेरे में और रोशनी में गुम कर डाला, हसती खेलती जिंदगी में कितना खुश था अपना बनाकर क्यों गुमसुम सा कर डाला,। जो जख्म थे उन्हें जख्म है रहने देते कुरेद कुरेद कर क्यों उन्हें नासुम कर डाला , आज भी कैद है यांदे तुम्हारी दिल के एक कोने में अब उन यादों को मैंने जख्मों का मरहम कर डाला , खुशियां अब यहां ठहरती नहीं क्योंकि गमो ने यहां घर डाला , यह तेरे प्यार की निशानी ही तो है जिसे मैंने खुद का कफ़न कर सका । क्यों तुमने मुझे मै ना रहने दिया तुम कर डाला साथ थे अंधेरे में और रोशनी में हम कर डाला । क्यों तुमने मुझे मै ना रहने दिया ।।