कौन समझाए लोगों को फेसबुक इंस्टा की भाषा । यहां होते हैं लाखों मित्र आपके,लेकिन चंद का होता दिल से नाता। कुछ प्रतिशत होते घर विरोधी । कुछ होते ईर्ष्या दोष के रोगी। खुद को छोड़ सबमें कमियां दूंढे ..ये हैं दिमागी अवसाद के रोगी। फॉलो कर करके इनसे ये नही देखा जाता...कौन पहुंच गया कहां पर इन्हें ये जानने की है अभिलाषा। कौन समझाए लोगों को फेसबुक इंस्टा की भाषा । अच्छे को अच्छा न बताते और कुछ बुरे पर सवाल उठाते. ...आलोचना जी भरकर आए और कुछ हो तरक्की तो सवाल उठाते। इनसे कुछ न अच्छा देखा जाता ।। कौन समझाए लोगों को फेसबुक इंस्टा की भाषा । लोकेश कुमार मिश्रा Reaction of People Now a Days on Social Networking...