.रानी लक्ष्मीबाई वीरता सुरता की अप्रतिमूर्ति की कथा तुम्हें सुनाती हूँ , उस अग्नि ज्वाला की व्यथा तुम्हें सुनाती हूं । क्यों लेकर खप्पड़ रण में वह उतरी होगी यह बात तुम्हें बतलाती हूं, कान लगाकर सुनना हर बात तुम्हें समझाती हूं ।