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समर्पण भी तो अनमोल है जिस धरा पर नृत्य तुम्हारा स्

समर्पण भी तो अनमोल है
जिस धरा पर नृत्य तुम्हारा
स्थिर चित्त ठहराव लिए
उस धरा के इस जड़त्व का
आकलन भी अनमोल है
कागज़ होना भी मुश्किल है
क्या लिखे जाने का डर है
माना चॉक रंगीन हाथों में
अच्छा हमेशा कम लिखते हो
वो ब्लैकबोर्ड का समर्पण
निःसंदेह अनमोल है
.
धीर समर्पण
समर्पण भी तो अनमोल है
जिस धरा पर नृत्य तुम्हारा
स्थिर चित्त ठहराव लिए
उस धरा के इस जड़त्व का
आकलन भी अनमोल है
कागज़ होना भी मुश्किल है
क्या लिखे जाने का डर है
माना चॉक रंगीन हाथों में
अच्छा हमेशा कम लिखते हो
वो ब्लैकबोर्ड का समर्पण
निःसंदेह अनमोल है
.
धीर समर्पण