बीती हुई बताऊं किसको, जब दवा ही बन जाए ज़हर, तो फिर मर्ज बताऊं किसको, बहरा हुआ जब सुनने वाला, फिर कैसे दर्द सुनाऊं उसको, रुख जो उसने बदला अपना, फिर कैसे मन में सजाऊं उसको, जब अपना ही रहा न अपना, तो फिर ये ज़ख्म दिखाऊं किसको।। #दिलकाहाल #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi