ईद ईद की मुबारक शाम को बुलाया था दोस्तों को रहीम के घर उस दिन राम भी आया था मलफिल मे चाँद की सिरकत और दोस्तों कि मौजुदगी सेवईयां भी सबको उसने भरपेट खिलाया था गले लग कर राम ने रहीम को सुक्रिया पेश की और अपने लाये तोहफे की सुन्दर भेट दी तोहफे पर एक खत था जिस पर लिखा था कि हर घर ईद ऐसी हो जाये जिससे दोस्ती हमारी छलक जाये हर रहीम को उसके राम की ईदी मुबारक हो जाये बेड़िया जो बंधी है बीच हमारे वो टूट के बंधन हो जाये राख मस्जिद की महके ऐसे की मंदिर का चन्दन हो जाये रहीम ने राम की नम आखो से अलविदा मे कुछ लफ्ज कहे मेरे दोस्त दुआ है कि भारतवर्ष की हर ईद ऐसे ही मुबारक रहे। ।।✍️नन्दिनी siso♥️