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एक दुनिया मेरी भी है जहां खुश हूं मैं खुद से बातें

एक दुनिया मेरी भी है
जहां खुश हूं मैं खुद से बातें कर के
अकेला चल रहा हूं कांटों भरी राह पर
न कोई हमदर्द मिला और ना ही जख्मों को देखा किसी ने मेरे
यकीन है खुद पर तोड़ दूंगा हर बेड़ियां 
दास्तां बयां  क्या करूं किसी से अपनी
सीने में दर्द की जड़ें गहरी हैं
बस ऐसी ही एक दुनिया मेरी भी है

©Jitender Sharma
  #Dark #Ek_duniya_meri