गुज़ार दिये होंगे तुमने, कई दिन, महीने,साल....जो काट ना सकोगे #वो_एक_रात_मैं_हूँ ! भीड़ में जब तन्हा, खुद को तुम पाओगे, अपनेपन का एहसास जो करा दे, #वो_एक_साथ_मैं_हूँ! बिताये होंगे तुमने कई हसीन पल सबके साथ में, जो भुला न पाओगे, #वो_एक_याद_मैं_हूँ!