अपने देश में,बस अपने लोगों की तब आबादी मिली लाखों 'वीर' हुए शहीद, तब जाकर "आज़ादी" मिली भारत माँ के सपूतों को चलो शत्-शत् बार नमन करें सौहार्द के रंगों को भरकर आभूषित अपना वतन करें यह 'राष्ट्र' पल्लवित-पुष्पित हो,हरदम इसमें रानाई हो आप सभी को 'आज़ादी' की लख-लख बार बधाई हो --डॉ प्रशान्त मिश्रा "स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं"