ऐसे धनी मिले जो, कंगालो से भी ज्यादा रीते थे, ऐसे मिले फकीर, जो, सोने के घट में पानी पीते थे. मिले परायेपन से अपने, अपनेपन से मिले पराये, हमसे पूछो इतने अनुभव, एक कंठ से कैसे गाये. इतनी रंग बिरंगी दुनिया, दो आँखों में कैसे आये. #NojotoQuote hardik khare