मधु मनु संग रस अमी का पान कर, नव पहर के स्वर में मन को सान कर । लिख रहा कविता मैं बन आधीर हूँ, समय की टिक-टिक में दीन समीर हूँ ।। शब्द सोये थे पड़े अब जागते, गीत हृदयन तर धरे नय रागते । नींद भी पलकों में दुबकी सी पड़ी है, कह उठे कवि दीप्तिमय प्रेमल घड़ी है ।। #alokstates #essentiallydeep #oneness_of_souls #nectar #lovequotes #yqbabaquotes #yqdidiquotes #कविता