संतो की धरती पर भी, हो रहा अत्याचार। कौंन रोकेगा पृथ्वी पर, अब ये भीषण नरसंहार।। दूषित मानसिकता के चलते ही, हो रही है अब मानवता शर्मसार। कोई न जाने कहां रुकेगा, अब ये क्रूर निंदनीय व्यवहार।। तिरंगे के दो रंग ने, आपस में बैर बढ़ाया है। जब भी हुआ भगवा खून से लाल, तो हरा भी कहां बच पाया है।। अपने हिस्से में दोनों ने, लहू ही बहता पाया है। शांति का दूत सफेद, फिर सफेद कहा रह पाया हैं।। जंग कहीं भी हो मगर, वहां मरते दो इंसान है। धर्म की आड़ में छुपे हुए, अभी भी जीवित शैतान है।। दो संतो की मृत्यु ने, आज हिंदुत्व को ललकारा है। दो मासूमों की जान गई, ये कीस मज़हब को प्यारा है।। हिंदुओं की आस्था पर, फिर ये गहरा वार है। अब भी चुप बैठोगे तुम। अब किसकी मृत्यु का इंतज़ार है।। माँग नही है युद्ध की, पर अब नकारा न जाऐ। जो हिंदुत्व को नुकसान पहुँचाये, अब वो सुख से ना रह पाऐ।। अब वो सुख से ना रह पाए।। #shivanihiya #sant #hindutv #shivanihiya