तुम्हारी याद, याद नहीं , वरदान है, मेरे लिए। तुम्हारी हर मुस्कान, जान है, मेरे लिए।। कुछ तो बात है, आपकी मदहोश नज़रों में, जिसमें छिपी पहचान है, मेरे 🤥लिए। हर घड़ी हर लम्हा, आपसे मिलने कि जी चाहता है, कुछ तो काशिस् है तुम्हारे किरदार में, जो दिल -ए - जान है, मेरे लिए...! Good morning🥱🌞 ©कवि विजय सर जी #thought_of_the_day 'दर्द भरी शायरी' शायरी वीडियो