की स्याही सोख नही पाती है अखबारों की, एक और खबर छप जाती है बलात्कारों की। आखिर कब तक किसी की बहन - बेटियां इन हैवानो के हत्थे चढती रहेगी, आखिर कब इन दारिन्दो को एक खौफनाक मौत का पैगाम आयेगा। आखिर कब सारी बहन बेटियां हिफाजत महसूस कर सकेंगी हिंदुस्तान की सरजमीं पर, आखिर कब तक भारत के संविधान में एक ऐसा प्रावधान आयेगा। आखिर कबतक इन दोगले नेताओ का जमीर जागेगा, आखिर कब तक इन निर्भया के हत्यारों को सजाए मौत मुकर्रर होगी। #BalRamRapeCase😢 ©Mahtab Khan की स्याही सोख नही पाती है अखबारों की, एक और खबर छप जाती है बलात्कारों की। आखिर कब तक किसी की बहन - बेटियां इन हैवानो के हत्थे चढती रहेगी, आखिर कब इन दारिन्दो को एक खौफनाक मौत का पैगाम आयेगा। आखिर कब सारी बहन बेटियां हिफाजत महसूस कर सकेंगी हिंदुस्तान की सरजमीं पर, आखिर कब तक भारत के संविधान में एक ऐसा प्रावधान आयेगा। आखिर कबतक इन दोगले नेताओ का जमीर जागेगा, आखिर कब तक इन निर्भया के हत्यारों को सजाए मौत मुकर्रर होगी।