घूंघट में चाँद वो घूंघट से निकला चाँद सूरत तुम्हारी हैं। बला की नजाकत खुदा ने जमी पे उतारी है बिन तेरे जीना अब मुश्किल मेरा बिना तेरे गुमगश्ता जिंदगी हमारी है। पलकों का गिरना वो पलकों का उठना हो गुलशन ए खियाबां, अत्र सी महक तुम्हारी है। दिले बेताबियों का गजब का आलम लम्हा लम्हा शब का यूँ ही गुजरना भारी है। लुट गये दिल ए हालात तो क्या कीजे। खुदा ने जन्नत जमी पे जो उतारी है। इस तिश्नगी को क्या इल्जाम दूँ । तेरे तसव्वुर में आने की ख़ता भी हमारी है। हुए जाते होश फाख्ता #राय तो क्या कीजे।, ये नज़रों का मिलना ग़जब गिरफ्तारी है । #Ghoonghat se nikla chand surat tumahri hain