दुनिआ के रंगमंच पर सुनाबै छी ई गीत भ रहल छै आब छिन्न भिन्न सबटा रीत आगा बैढ गईल आब की कहु अपन बीत बिद्यापति कत्त गैलों अहाँन संसार स किताब म लाइग कीड़-जनगीत। फेर स आग्रह अईछ के भ जाए हरियालिक तीज पइढ़ क सांस्कृतिक बात आब चाहै छी भ जाइ मोनक गंगा धीर संस्कार मोन में दिए हे माइ बिसरू न अहांक कुनु आब गीत। #jaimaithili #jaibihar #jaimaakali