चलो घूमने चलते है यार पर बाज़ार में नहीं वाहा मेने दिल फेंका पड़ा है आओ मेरे कमरे में चलते है पर ध्यान से दरवाजे के पीछे मेरी खुशियां सिमटी पड़ी है.... अरे ध्यान से कहीं तुम्हे चुभ ना जाए ए दोस्त मेरी चारपाई पर मेरे सारे ख्वाब टूटे पड़े है और देखो ना मेरे सपने केसे अलमारी में बंद पड़े है..... आओ तुम्हें मै अपनी छोटी सी रसोई दिखाता हूं वो देखो उस डीबे में मेरी नींद पड़ी है दूसरे डीबे में देखो मेरा दर्द मुझे देख रहा है और देखो ना वो बाल्टी मेरे आंसुओ से भरी पड़ी है... आओ तुम्हें अपनी छत दिखाता हूं वो तार पर देखो मेरा बचपन टंगा पड़ा है अरे सीढ़ियों से आराम से उतरना ये मेरी सारी इकट्ठी की हुई ठोकरें है जाओ अब तुम घर चले जाओ यार मेरा अकेलापन मेरा इंतज़ार कर रहा है और दरवाजा अच्छे से बन्द करके जाना मुझे आंसुओ की बाल्टी अभी और भरनी है और यार बताना मत किसी को की गौरव के घर में इतना ज्यादा सामान है कही लोग मेरा सब कुछ देख ना ले मैंने 15 सालो से छुपा कर रखा है ये सब GauRav mehTa✍️ Dekho mera ghar ✍️