दूर से शायद सुनाई नही दिया तो खुद आना पड़ा किसान हूं साहब दो वक्त की रोटी खुद के लिए और अन्न का भंडार आप सब के लिए भरना चाहता हूँ , में एक किसान हूं हक से लड़ के खाऊंगा ओर खिलाऊँगा, खैरात नही बस हक की उम्मीद मांग रहा हूँ।। #farmer #rukmanwords #priyankarukmanqoute #farmersprotest