जो अपनी राह ख़ुद चुनते हैं दुनिया के रंगों से छूट कर ख़ुद को अपने रंगों में रंगते हैं उड़ान उनकी दुनिया से परे होती है किसी औऱ को देख ना उनकी नज़रें भ्रमित होती है जिसे कोई दायरा, कोई बंधन बाँध नहीं सकता अपनी हौंसलों की पंख को जो काट नहीं सकता जो अपनी ख़्वाहिशों को किसी खूँटे में टाँग नहीं सकता समय कि धारा में जो बहता रहता है कभी भटकता, कभी रेत सा फिसलता रहता है पर उम्मीद कि जो चिड़ियाँ है उनके पँख को कभी टूटने ना देता है दिल के चौखट पे कभी कभी भय कि खटखटाहट सी होती है, पर फ़िर भी वो राही है उस रहगुज़र का जो निर्भय सा चलता रहता है खूबसूरत सी धुन उसके दिल में बजती रहती है इक दिन ख़ुद को ख़ुद के रंग में रंग ही देगा ये उम्मीद जगती रहती है तूफान सी होती है उसकी आँखों में ज़ुबान से वो चुप सा रहता है ख़ुद-रंग वो रंग है जो हीना के रंग से भी खूब फबता है।। Khud Rang wo rang h jispe koi aur rang nhi chadhta.. #खुदरंग #yqdidi #poetry #hindi #life #lifegoals