काश की हम चाय हो जाते, तुम छूते हमें हाथों सें,मारे शर्म के हम लाल हो जाते काश की हम..... जो तुम करते लेटलतीफी पीने में,हम रूठ कर ठंडे हो जाते,काश की हम..... सुबह-शाम तेरे होंठों को छूते,नशा हम बेसबब हो जाते,काश की हम..... जो तुम हमें प्याली में भरते,हम छोटा-सा इक़ दरिया हो जाते,काश की हम..... जो तुम बाँटते हमें किसी गैऱ संग,हम खफा बेहिसाब हो जाते,काश की हम..... जो तुम पीते हमें चुस्कीयों में,हम होले से मुस्कुराते जाते काश की हम..... जो तुमें लत़ लग जाती,तो इसी बहाने उम्र भर साथ रह जाते,काश की हम..... #caye...