बह रहीं हैं बस्तियाँ, बह रहे हैं खेत भी जनता बाट जोह रही, अब आएँगी कश्तियाँ भूख से परेशान लोग, इंतजार हैं कर रहे अब आएगी सरकार, ले कर राशन-पानी बीमारी से तो हाल बुरा है, दवा की तो मत पूछो अपने कर्म पर जीये जा रहे हैं,सुशासन की तो मत पूछो #सुशासन # #सुशासन की नींद # #एकबद्ध #yqlifefeelings #