शायद है रेखाओं का खेल यही जो नहीं लिखा था वो ही होना था वो मंजूर थी किसी की किस्मत को किसी और का उसको होना था समझ गया इश्क का अंजाम यही संग जिस्म तो है पर जान नहीं अंजाम की जिसको हो ना ख़बर वो मंजिल बनकर खोना था... होने देना था उस फूल को खिलने देना था। #होनेदेनाथा #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi